
[ad_1]
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, रायपुर
Updated Wed, 30 Sep 2020 05:51 PM IST
प्रतीकात्मक तस्वीर।
– फोटो : Social media
पढ़ें अमर उजाला ई-पेपर
कहीं भी, कभी भी।
*Yearly subscription for just ₹299 Limited Period Offer. HURRY UP!
ख़बर सुनें
बलरामपुर जिले के वाड्रफनगर विकासखंड के ग्राम बरतीकला में 12वीं पास एक युवक फर्जी डॉक्टर बनकर बाकायदा मेडिकल स्टोर खोलकर उसने चार बेड का क्लीनिक संचालन शुरू कर दिया था। वाड्रफनगर एसडीएम विशाल महाराणा के नेतृत्व में स्वास्थ्य और राजस्व विभाग की टीम जब दवा दुकान पहुंची तो संचालक निहार मलिक द्वारा कोई दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किया जा सका। दवा दुकान के पीछे एसडीएम के साथ कर्मचारी पहुंचे तो पता चला कि यहां चार बेड का एक नर्सिंग होम का भी संचालन किया जा रहा है। बुखार से पीड़ित एक महिला का उपचार किया जा रहा था।
जब टीम के सदस्य वहां पहुंचे तो संचालक निहार मलिक मिला। दवा दुकान संचालन को लेकर दस्तावेज प्रस्तुत करने आदेशित करने पर संचालक हड़बड़ा गया। उसके पास किसी भी फार्मासिस्ट का लाइसेंस नहीं था। दस्तावेज के नाम पर खुद का 12वीं पास प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया जिसमें गलत तरीके से डॉक्टर भी लिखा हुआ था। मेडिकल स्टोर के पीछे एक-दो लोगों की आवाजाही होता देख टीम के सदस्य जब वहां पहुंचे तो नजारा देखकर अवाक रह गए। एक कमरे में चार बेड लगा हुआ था। दवाइयां रखी हुई थी। एक महिला को भर्ती किया गया था।
पूछताछ करने पर पता चला कि महिला को बुखार है। उसे टायफाइड से पीड़ित बता कर निहार मलिक द्वारा उपचार किया जा रहा था। क्लीनिक में कई ऐसी दवाइयां रखी गई थी जिसका सामान्य तौर पर विशेषज्ञ चिकित्सक भी उपयोग करने से बचते हैं। हाई एंटीबायोटिक सहित अन्य साइड इफेक्ट वाली दवाइयों का उपयोग कर उपचार करने की जानकारी सामने आई।
मेडिकल स्टोर और क्लीनिक संचालन नियम विरुद्ध तरीके से पाए जाने के कारण उसे सील कर दिया गया है। दवा दुकान संचालित करने वाले निहार मलिक को मौका दिया गया है कि उनके पास और कोई भी दस्तावेज हो तो उसे प्रस्तुत किया जाए। एसडीएम विशाल महाराणा ने बताया कि मामले में कार्रवाई से पहले सक्षम अधिकारियों और विशेषज्ञ चिकित्सकों की भी राय ली जा रही है।
[ad_2]
Source link